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श्री विनायक सेवा मंडळ के द्वारा ऑफलाइन में इस तरह कर पाएंगे गणपती के दर्शन .

0 Comments । By Black Cat News । 10 September, 2021

श्री विनायक सेवा मंडळ के द्वारा ऑफलाइन में इस तरह कर पाएंगे गणपती के दर्शन

आज (10 सितंबर 2021) गणपती का आगमन हुआ है. इसी के साथ गणेशोत्सव (Ganeshotsav) की शुरुआत हुई है. तकरीबन 11 दिन तक चलने वाले इस उत्सव को लेकर लोगों में खुशी है. अब अगर मीरा भाईंदर ( Mira Bhayandar) शहर की बात करे तो यहां भी बहुत सारे गणपती पंडाल है. इसमें से कई गली के अंदर,मौहल्ले में है और गणपती के ऑनलाइन दर्शन (Online Ganpati Darshan) की सुविधा नही दी गई है. ऐसे में इन पंडालो में भक्त गणपती को भोग चढ़ाने, नैवेद्य अर्पित करने आते हैं. इस वजह से भीड़ हो सकती है. गणपती पंडालो के द्वारा इस बात का ख्याल रखा गया है की भीड़ ना हो और भक्त की इच्छा भी पूरी हो. ऐसे ही गणपती पंडाल में से एक है भाईंदर पूर्व में विमल डेरी के पास का श्री विनायक सेवा मंडळ (Shri Vinayak Seva Mandal). श्री विनायक सेवा मंडळ के आस पास बहुत सारी सोसायटीज है और इसलिए मंडळ के जो मेंबर है वो एक सिस्टम को फॉलो करते हैं.

श्री विनायक सेवा मंडळ के मेंबर संकेत पाटील (Sanket Patil) ने इस बारे में कहा की मंडळ के नजदीक की सोसायटीज में रहने वाले लोगों को गणपती दर्शन, नैवेद्य अर्पित करने के लिए एक टाइम दिया जाता है. उस टाइम में आकर वह गणपती जी को नैवेद्य अर्पित कर सकते हैं. इसके अलावा लोगों की ओर से ज्यादातर मौकों पर मंडळ के मेंबर के द्वारा ही गणपती जी को नैवेद्य अर्पित किया जाता है. साफ सफाई, सैनिटाइजिंग पूरी व्यवस्था यहां है.

इस बार लोगों को उम्मीद थी की गणेशोत्सव धूमधाम से मनाने का मौका होगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. कोरोना का खतरा कम नही हुआ है. कोरोना तीसरी लहर (corona third wave) के खतरे के बीच मद्देनजर नजर महाराष्ट्र में प्रशासन के ओर से भी गाइडलाइंस जारी की गई है.  महाराष्ट्र राज्य में मूर्ती और दर्शन को लेकर जो गाइडलाइंस दी गई है उसमें ऑनलाइन दर्शन पर जोर है. ऑनलाइन दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराने का नियम सार्वजनिक पंडालो के लिए है. इसके पीछे का तर्क यह बताया जा रहा है की ऑनलाइन दर्शन से भीड़ इक्क्ठा नही होगी और सभी एक ही वक्त पर गणपती के दर्शन कर पाएंगे.



क्या मूर्ती की ऊँचाई को लेकर नियम
सार्वजनिक पंडालों में 4 फुट तक और घरों में 2 फुट तक ऊंची मूर्तियों को रखने की अनुमति दी गई है.



और क्या क्या है नियम
कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए गणेशोत्सव सादगी से मनाया जाए.
विसर्जन कृत्रिम तालाब में करें, संभव हो तो शाडू मिट्टी की मूर्तियां बनाई जाएं.
जितना संभव हो पंडालों में भीड़ ना बढ़ाएं.
इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बजाए स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रम करवाएं.
आरती, भजन, कीर्तन के समय भीड़ को टालें.
भक्तों की भीड़ ना बढ़े, इसका ध्यान रखते हुए ऑनलाइन पद्धति से दर्शन की व्यवस्था.
गणेश पंडालों में सैनिटाइजिंग और थर्मल स्क्रिनिंग की पर्याप्त व्यवस्था.


गणेशोत्सव से जुड़ी अनुमति लेनी आवश्यक है.









DINESH SHINDE's Report
BlackCatNews, Mira Bhayandar




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